The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप shiv chalisa in hindi अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

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